आरबीआई ने 19 मई को 2000 रुपए के नोट का चलन बंद करने की घोषणा की है। आपको बता दें कि 2000 की नोट जो नवम्बर 2016 में शुरू हुई थी अब उसे बंद कर दिया जाएगा। आरबीआई का कहना है कि नोटबंदी के समय नागरिकों के पास बैंक नोट की कमी न हो इसलिए 2000 रुपये के नोट को लाया गया था। और अब दूसरे नोटों का चलन अधिक है और 2000 के नोटों का प्रचलन कम हो गया है।इसलिए आरबीआई ने क्षेत्रीय बैंक पर सितंबर 2023 से पहले 2000 रुपए के सभी नोट लेने की बात कही है।
आरबीआई के नोटिस में क्या हैं ?
आरबीआई ने कहा कि 2016 में 2000 रुपये के नोट पेश किए गए थे। और RBI ने कहा कि उन्होंने 2018-2019 में 2000 रुपये के नोटों की छपाई बंद कर दी थी। 2000 रुपये के नोट का चलन प्रतिशत घटा है। अब आरबीआई ने बैंकों से कहा कि ग्राहकों को 2000 के नोट नहीं देने हैं। RBI के अनुसार 2018 में 2000 रुपये के नोटों का प्रचलन 37% था जो वहां से घटकर 10 प्रतिशत हो गयी है। 2000 रुपए के नोटों की लीगल टेंडर मान्य होंगे। अगर 2000 रुपए के नोट हैं तो ग्राहक 30 सितंबर 2023 तक इसे बदल कर बैंकों में जमा कर सकते हैं। 19 RBI के क्षेत्रीय बैंक हैं जिन्हें 2000 रुपए के नोट बदलने की अनुमति है।
अभी के लिए काला धन अब उच्च जोखिम में है।सरकार हमेशा कुछ ऐसे कदम उठाती है जिससे नकदी में बदलाव लाया जा सके। इतना कैश रखने में जोखिम की उच्च संभावनाएं हैं। डीमॉनटाइजेसन के बाद कर कर भुगतान में उच्च रिकॉर्ड आया है। विमुद्रीकरण के बाद कर भुगतान में 1 करोड़ की बढ़त सरकार को हासिल हुई है। इस फैसले पर तरह-तरह की टिप्पणियां आ रही हैं।विपक्षी दल इस कदम को पहले से ही एक गलती बता रहे हैं। उनके मुताबिक सरकार गलती पर पर्दा डालने की कोशिश कर रही है।देखते हैं आगे क्या होगा।