संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या डैशबोर्ड के अनुसार जनसंख्या के मामले में भारत ने चीन को पीछे छोड़ दिया। 142.86 करोड़ की आबादी का हो गया है भारत देश। भारत दुनियाभर में पहले नंबर पर आ गया है। वहीं बात करे चीन की तो वो 142.57 करोड़ की आबादी के साथ दुसरे नंबर पर है।
भारत की वर्तमान परिस्थित।
जितनी अधिक संख्या उतनी पकड़ कमजोर रहती है।रोजगार मुहैया कराना सरकार के लिए सबसे चुनौतीपूर्ण काम होगा।1950 से भारत की जनसंख्या में 1अरब से अधिक की वृद्धि हुई है। अभी के लिए भारत में 65 वर्ष से अधिक आयु के लोग केवल 7% हैं। यह स्पष्ट रूप से बताता है कि देश में युवा ऊर्जा का संचार है। संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, वैश्विक जनसंख्या डेटा 2023 के मध्य तक 8.045 बिलियन तक पहुंच जाएगा।
दूसरों देशों की वर्तमान स्थिति।
जनसंख्या के मामले में चीन घटते क्रम पर है।चीन की 1980 की नीति जो एक बच्चे की नीति थी, ने जनसंख्या को कम करना संभव बनाया। और अब चीन को तीन बच्चे की नीति को अपना रहा है ताकि संतुलन बना रहे। अफ्रीका में जनसंख्या बढ़ रही है। संयुक्त राष्ट्र के अनुसार अफ्रीकी महाद्वीप दूसरा सबसे अधिक जनसंख्या वाला महाद्वीप बन जाएगा क्योंकि यह 2100 तक 1.4 बिलियन से बढ़कर 3.9 बिलियन के जनसंख्या का हो जाएगा। यूरोप के आठ देशों जिनकी जनसंख्या 10 मीलीयन है। वह जनसंख्या भी कुछ दशकों से कम होते नजर आ रहा है। जापान के 2011 से 2021 के बीच 30 लाख से अधिक जनसंख्या कम हुई है। 2090 के बाद पूरी दुनिया की आबादी में गिरावट आएगी जब 10.4 बिलियन की आबादी हो जाएगी। 2050 तक वैश्विक प्रजनन दर 2.3 से घटकर 2.1 हो जाएगी।
भारत में 68% जनसंख्या 15 से 64 साल वाले व्यक्ति की है। जिसमें से केरल और पंजाब में ज्यादा आयु वाली वहीं बिहार और यूपी में युवा आयु वाली जनसंख्या मौजूद है। भारत की आबादी तीन दशकों तक बढ़ेगी जब तक कि यह 165 करोड़ न हो जाए।