वित्तीय वर्ष 2023 में भारतीय अर्थव्यवस्था ने 7.2% की विकास दर हासिल की है। यह सराहनीय है क्योंकि सभी उच्च आर्थिक देश वित्तीय वर्ष 2023 में इसे हासिल नहीं कर पा रहे हैं। अमेरिका और चीन भारत के पीछे खड़े हैं। अगर अमेरिका की बात करें तो सबसे ज्यादा मंदी का खतरा अभी नजर आ रहा है। क्या भारत अब यूरोप से आगे होगा ?
वित्तीय वर्ष 2022-23 जीडीपी ग्रोथ।
पहली तिमाही में अप्रैल 2022 से जून 2022 तक जीडीपी ग्रोथ 13.1 फीसदी रही थी। वहीं बात करे दुसरी तिमाही जुलाई 2022 से सितंबर 2022 तक तो 6.3% ग्रोथ रही थी। अक्टूबर 2022 से दिसंबर 2022 तक जीडीपी ग्रोथ रेट 4.4% थी जो कम थी। इसके बाद बढ़त की उम्मीद कम थी और युक्रेन युद्ध से और अधिक असर दिखा। भारत की निर्माण क्षेत्र ने अधिक योगदान नहीं दिया। जनवरी-मार्च 2023 में जीडीपी ग्रोथ रेट 6.1% रहा। जिसके बाद वित्तीय वर्ष 2023 का जीडीपी ग्रोथ रेट 7.2% रहा जो भारत के लिए एक अहम भाग है। इसके साथ ही भारत $3.3 खरब की अर्थव्यवस्था बन चुका है। आरबीआई ने भरोसा जताया है कि भारतीय अर्थव्यवस्था 2023 में 3.7 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था तक पहुंच जाएगी। और यह बढ़ती अर्थव्यवस्था निश्चित रूप से जर्मन अर्थव्यवस्था को पीछे कर देगी। इसके बाद भारत अंक तालिका में नंबर चार पर होगा। यूरोप के सारे देश टॉप चार से बाहर होंगे। भारत जापान को अभी नहीं हरा सकता जो तीसरे स्थान पर है क्योंकि भारत अभी भी निर्माण क्षेत्र में पिछड़ रहा है और जापान का आर्थिक विकास दर अभी अच्छा है। अगले 20 वर्षों में भारत के निर्माण क्षेत्र में बढ़त की आशा है।