मणिपुर मेें आरक्षण की मांग को लेकर गरमा रहा माहौल।गृह मंत्री अमित शाह ने आखिरकार स्थिति में हस्तक्षेप किया। मैतेई (MEITEI) समुदाय और मणिपुर जनजाति मेें टकराव हो रहा हैं। आर्मी ने मणिपुर के हिंसा वाले क्षेत्र में शांति बनाए रखने के लिए फ्लैग मार्च किया। 2013 से यह मामला उठा है जिसपर कोर्ट ने मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति सूची में डालने वाले बात को आगे बढ़ाने को कहा। तभी से विरोध जारी है।
मणिपुर का इतिहास।
मणिपुर 21 सितंबर 1949 को भारत में सम्मिलित हुआ था। जो एक स्वतंत्र रियासत जिसे 1891 मेें ब्रिटिश साम्राज्य ने अधिग्रहण कर लिया था। 1962 से मणिपुर भारत का केंद्र शासित प्रदेश था जिसे 1972 मेें पुण्य राज्य का दर्जा मिल गया था। 371 C के मुताबिक मणिपुर मेें कुछ स्पेशल कानून हैं जिसके अंतर्गत वैली और बाहर के लोग मणिपुर के पहाड़ी क्षेत्र में जमीन खरीद और अधिग्रहण नहीं कर सकते हैं। आपको बता दें की मणिपुर मेें 90 प्रतिशत जो क्षेत्र है वो पहाड़ी है जिसमें जनजाति रहतें हैं। जिन्हें अनुसूचित जनजाति का दर्जा प्राप्त है। अब मुकाबला मणिपुर के अनुसूचित जनजातियों और मैतेई समुदाय के बीच है।
क्या है पूरा मामला ?
मणिपुर जनजातियां मणिपुर के मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति का दर्जा नहीं देना चाहतीं है।इसी पर विवाद चल रहा है। सेक्शन 371 C मणिपुर को बाहरी अतिक्रमण से बचाता है। मणिपुर की मुख्य जनजाति “नागा और कूकी”हैं जो पहाड़ी इलाकों में रहते हैं। और बाकि जो 10 प्रतिशत वैली क्षेत्र हैं उसमें रहते हैं मैतेई समुदाय के लोग जो हिंदु धर्म से ताल्लुक रखते हैं। इन समुदाय की मांग है कि उन्हें भी अनुसूचित जनजाति मेें शामिल किया जाए। जिसके विरोध में मणिपुर के जनजाति प्रदर्शन कर रहें हैं।
गंगमेई विधायक ने कहा कि मैतेई समुदाय पहले से ही बहुसंख्यक हैं और वे अन्य पिछड़ा वर्ग और अनुसूचित जाति वर्ग के अंतर्गत आते हैं। और उनमें से उच्च जातियाँ आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की श्रेणियों में आती हैं। वहीं बात करें मैतेई समुदाय की तो उनका तर्क यह है की उन्हें भी बाहरी व्यक्ति और घुसपैठ से सुरक्षा
चाहिए। क्योंकि पहाड़ी क्षेत्र के लोग यहाँ आकर जमीन खरीद लेते पर हम उनकी जमीन नहीें खरीद पाते हैं।दोनों पक्ष अपनी अपनी बात पर अड़े हैं। देखना होगा इस पर क्या फैसला होता है। फिलहाल वहाँ कर्फ्यू लगा दिया गया है और मणिपुर में सेना और असम राइफल यूनिट सुरक्षा में तैनात हैं।