बस्ती: जिले में कम बारिश का असर किसानों पर पड़ा है। लाखों किसान बारिश न होने से सूखे से परेशान हैं। पिछले महीने भेजी गई सूखे की रिपोर्ट के बाद शासन के निर्देश पर पुन: वास्तविक स्थिति जानने के लिए कृषि विभाग ने फाइनल सर्वे शुरू कर दिया है। सर्वे के बाद यह तय होगा कि हकीकत में कितने किसानों पर सूखे की मार पड़ी है।
डीएम प्रियंका निरंजन ने बताया कि शासन से मिले दिशा-निर्देश के बाद एडीएम अभय कुमार मिश्र के नेतृत्व में निगरानी टीम गठित कर दी गई है।
कृषि व राजस्व कर्मियों की स्थानीय स्तर पर भी टीमें गठित हो गई हैं। गांव-गांव सर्वे कार्य आरम्भ करा दिया गया है। 11 सितम्बर तक सर्वे हर हाल में पूरा करने के लिए डीएम ने कई जरुरी कार्यक्रमों को भी स्थगित कर दिया है। मौजूदा समय प्रशासन की प्राथमिकता में सूखे से प्रभावित किसानों की फसल को हुए नुकसान का सर्वे कराना है।
कृषि विभाग के मुताबिक जिले में 4.60 लाख किसान पंजीकृत हैं। बड़ी संख्या ऐसे किसानों की है, जो सिंचाई के लिए बारिश पर निर्भर रहते हैं। अफसरों का दावा है कि धान की रोपाई तो सौ फीसदी से हुई है, लेकिन रोपाई के बाद भी काफी पानी चाहिए होता है। ऐसे में अब जो सर्वे शुरू हुआ है, वो इस बात को आधार में रखकर किया जा रहा है कि रोपाई के बाद कुल कितनी फसल नष्ट हो गई है।
प्रभावित किसानों को मुआवजा देने की तैयारी
कृषि व राजस्व विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों ने फसल नुकसान का सर्वे शुरू कर दिया है।
क्षेत्र के कृषि कर्मचारी, राजस्व विभाग के कानूनगो, लेखपाल व अन्य कर्मचारी प्रभावित गांवों के किसानों के खेतों तक पहुंचकर नुकसान का आंकलन कर रहे हैं। सर्वे से किसानों को उम्मीद है कि उन्हें शासन से कुछ तो मुआवजा मिलेगा। शुरूआत में नुकसान से किसानों में मायूसी छाई रही, लेकिन सर्वे शुरू होने व मुआवजा मिलने की खबर से किसानों में फसल नुकसान की भरपाई की उम्मीद बढ़ गई है। हालांकि सिंचित, असिंचित क्षेत्र के किसानों को प्रति एकड़ मुआवजा की दर अभी स्पष्ट नहीं हो सका है।