आराध्या राय क्यों पहुंची कोर्ट ? – ऐश्वर्या राय बच्चन और अभिषेक बच्चन अपनी 11 साल की बच्ची आराध्या की फेक न्यूज़ को देखते हुए अपनी बेटी के साथ दिल्ली हाईकोर्ट पहुंचे । वहां आराध्या बोली कि उनके बारे में गलत अफवाह फैलाई जा रही है। उनकी हेल्थ को लेकर तरह-तरह की बातें की जा रही हैं ।उनके लिए आपत्तिजनक बातें बोली जा रही हैं। और उन्हें भयानक बीमारी बताई जा रही हैं। और यही नहीं उन्हें लेकर बद्दी बद्दी खबरें सामने आ रही हैं। इसको लेकर उन्होंने एक बड़ा कदम उठाया।
क्या था मामला ? – गुरुवार 19 अप्रैल 2023 को आराध्या कोर्ट पहुंची हैं। दरअसल आए दिन बच्चन परिवार को फेक न्यूज़ जैसी चीजों का सामना करना पड़ता है । लेकिन यह फेक न्यूज़ उनकी बेटी आराध्या बच्चन के हेल्थ को लेकर थी। अब झूठी खबरों को लेकर उन्होंने दिल्ली हाईकोर्ट में अपनी याचिका दर्ज कराई है। जिससे इन झूठी खबरों को रोका जा सके। ऐश्वर्या राय ने कहा,” कि हमारी बच्ची अभी माइनर है जिसका आराध्या की हेल्थ पर गलत प्रभाव पड़ेगा’ वैसे दिल्ली हाई कोर्ट में जस्टिस श्री हरिशंकर के जज पीठ आज 20 अप्रैल को आराध्या बच्चन की याचिका पर सुनवाई करेंगे आराध्या बच्चन को लेकर कुछ यूट्यूब और एक वेबसाइट पर अपनी शिकायत दर्ज कराई है।
कोर्ट ने दोषियों को सजा में कहीं यह बातें – अमिताभ बच्चन की पोती और ऐश्वर्या राय की बेटी आराध्या बच्चन की तरफ से दिल्ली हाईकोर्ट में दो यूट्यूब चैनल और एक वेबसाइट के खिलाफ याचिका दायर की गई थी । दिल्ली हाईकोर्ट ने ऐश्वर्या राय बच्चन और अभिषेक बच्चन की बेटी आराध्या बच्चन के मामले में यूट्यूब को समन भेजा है । इस मामले में अब हाईकोर्ट ने यूट्यूब को अपने प्लेटफार्म पर कंटेंट रेगुलेट न करने के लिए समन किया है।
जस्टिस श्री हरिशंकर ने कहा,” यूट्यूब की note allowance policy में गड़बड़ी है । और यह एक पैसे कमाने वाला प्लेटफार्म है । यहां हर वीडियो जो अपलोड होता है उससे यूट्यूब कमाई करता है । तो क्या आपकी कोई जिम्मेदारी नहीं है । हाईकोर्ट ने यूट्यूब से पूछा,” कि फेक न्यूज़ और मिस इंफॉर्मेशन (miss information) से निपटने के लिए आपके पास क्या प्लान है’ कोर्ट ने कहा, कि जिम्मेदारी है कि आप अपनी नीतियों में सुधार करें और नई नियमों के साथ तालमेल बनाए आपने अब तक क्या किया है आप कहते हैं कि आपकी सोनोग्राफी के खिलाफ जीरो टॉलरेंस पॉलिसी (zero tolerant policy) है लेकिन वह भी यूट्यूब पर है’ कोर्ट ने यूट्यूब वीडियो पर आपत्ति जताते हुए कहा- हर बच्चे को सम्मान और गरिमा के साथ जीने का अधिकार है और इस तरह की फेक न्यूज़ रोकना प्लेटफार्म की जिम्मेदारी है।
एक शख्स ने इस मामले पर ट्वीट किया, “बिल्कुल सही किसी की पर्सनल लाइफ के बारे में गलत क्यों दिखाते हैं’ हालांकि उन यूट्यूब और वेबसाइट का नाम सामने नहीं आया है। वैसे यह मुकदमा 3 आकृतियों का दावा करता है । निजला का उल्लंघन, मानहानि और व्यक्तित्व अधिकारों का उल्लंघन इस मामले को दिल्ली हाईकोर्ट में दयान कृष्णन, अमित नायक, और प्रवीण आनंद आराध्या और अभिषेक के लिए पेश हुए। जिसके बाद हाईकोर्ट ने ऐसे वीडियो जानकारी अपलोड करने वालों के खिलाफ उनका वीडियो और किसी भी कंटेंट को अपलोड करने से रोक लगा दी है। जो किसी भी गोपनीयता का उल्लंघन करता है।