गो फर्स्ट एयरलाइंस दिवालिया हो गया है। एयरलाइंस ने स्वैच्छिक दिवालियापन के लिए आवेदन दे दिया है। एयरलाइंस ने राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण को आवेदन दिया है। क्या है पूरा मामला गो फर्स्ट एयरलाइंस का?
गो फर्स्ट एयरलाइंस ?
यह एक एयरलाइंस कंपनी है जिसको वाडिया गुप्र चलाता था। 2004 में शुरू हुआ था यह एयरलाइंस। गो फर्स्ट एयरलाइंस 27 घरेलू और 7अंतरराष्ट्रीय शहरों में चलती है। 59 विमान इस एयरलाइंस में हैं जिसमें 54 A320 नियो और पांच A320 शामिल हैं। गो फर्स्ट एयरलाइंस ने 3 मई से 5 मई तक अचानक रद्द कीं उड़ानें। डॉयरेक्टर जनरल ऑफ सिविल एविएशन ने इसका गलत बताया है और कोई विकल्प निकालने को कहा है।
एयरलाइंस सेक्टर का डुबने का कारण।
पिछले 11 सालों में कई एयरलाइंस दिवालिया हो गईं।जिसमें किंगफिशर, एयर डेक्कन, जेट सहारा और एयर इंडिया शामिल हैं। प्रैट एंड व्हिटनी कंपनी गो फर्स्ट एयरलाइंस को इंजन मशीन देती थी। 59 में से 54 एयरक्राफ्ट में A320नियो इंजन मशीन है जिसे गो फर्स्ट एयरलाइंस को प्रेट और व्हिटनी कंपनी देती थी। जिसको इस एयरोस्पेस कंपनी ने सप्लाई नहीं की जिससे 25 एयरक्राफ्ट बिना काम की हो गई। 2019 में 7% विमान खड़े हुए, 2020 में 31% और 2022 में 50% विमान खड़े हो गए। यही वजह है कि गो फर्स्ट एयरलाइंस ने इनसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड के तहत आवेदन भरा था। गो फर्स्ट एयरलाइन कंपनी को हुआ 10,800 करोड़ का घाटा। जिसमें कंपनी ने प्रैट एंड व्हिटनी कंपनी से मुआवजे के तौर पर 8,000 करोड़ रुपये मांगे है।
जाओ पहले एयरलाइंस सिंगापुर पंच के लिए चला गया। जिसने एयरोस्पेस कंपनी को 27 अप्रैल 2023 तक 10 मशीन इंजन उपलब्ध कराने का आदेश दिया था। लेकिन पीडब्लू कंपनी मांग पूरी करने में विफल रही।और उसके बाद गो फर्स्ट एयरलाइंस ने दिवाला और दिवालियापन संहिता के लिए आवेदन किया।एयरलाइंस कंपनी के शेयरों में 11.1% से 6.9% की गिरावट हो गई है। आगे की सारी प्रक्रिया एनसीएलटी देखेगा।