साक्षरता दर किसी देश के विकास की संभावना को परिभाषित करता है। अगर हम भारत और अन्य देशों की बात करें तो साक्षरता दर के आधार पर देशों के बीच बहुत अधिक अंतर है। साक्षरता लोगों की स्थिति के उत्थान के लिए शक्तिशाली उपकरण है।आइए जानते हैं भारत की साक्षरता दर का पूरा डेटा।
साक्षरता क्या है ?
पढ़ने और लिखने की क्षमता को मूल रूप से साक्षरता कहा जाता है। पीढ़ी दर पीढ़ी साक्षरता के प्रकार बदलते रहते हैं। अभी तीन तरह की साक्षरता है यानी सूचना, डिजिटल और मीडिया। कहीं न कहीं साक्षरता में संचार कौशल, ध्वनियों की समझ, लिखने और पढ़ने के कौशल और बढ़ोतरी के लिए सोचने की कौशल भी शामिल हैं।
भारत में साक्षरता दर।
भारत की साक्षरता दर 77.01% है जो कई नीतियों और सुधारों के साथ इस स्तर पर आई है।स्वतंत्रता के समय केवल 18% लोग साक्षर थे। जिसमें महिलाओं की दर महज 8.86% थी। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण के अनुसार पुरुषों की साक्षरता दर 84 प्रतिशत है जबकि महिलाओं की 72 प्रतिशत है।रोजगार दर में पुरुषों और महिलाओं का अनुपात 3:1 है। 36% पुरुष और 46% महिलाएं कृषि कार्य में शामिल हैं। अगर भारत के राज्यों की बात करें तो केरल 96.2% के साथ सबसे ज्यादा साक्षर राज्य है,जिसमें महिलाओं की 95.2% और पुरूषों की 97.4% है। वहीं बिहार 61.8% के साथ सबसे नीचे पायदान पर खड़ा है। चंडीगढ़, दिल्ली, दमन और दीव जैसे केंद्र शासित प्रदेशों ने पिछले समय से अच्छा प्रदर्शन किया है।
सभी प्रयासों के बावजूद, शिक्षा और मूलभूत साक्षरता कई भारतीयों के लिए फैंसी शब्द हैं।बिहार, आंध्र प्रदेश और राजस्थान निम्न साक्षरता की स्थिति में हैं। भारत सरकार ने 2025 तक प्राथमिक विद्यालय में पूर्ण मूलभूत साक्षरता हासिल करने के अपने लक्ष्य की घोषणा नई शिक्षा नीति 2020 के तहत की है।अब देखना ये होगा की सभी नीतियों से भारत के सभी राज्यों में उच्च साक्षरता दर की कितनी संभावना बनेगी।