बस्ती : सरयू नदी का जलस्तर खतरे के निशान से चार सेंटीमीटर ऊपर पहुंच गया। कटान स्थल पर बाढ़ खंड ने मरम्मत कार्य शुरू करा दिया गया है।
नेपाल से पानी छोड़े जाने के बाद सरयू नदी उफान पर है। जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। इस समय नदी खतरे के निशान 92.730 सेमी से 4 सेमी ऊपर बह रही है। इससे तटवर्ती इलाकों में रहने वालों ग्रामीणों की मुश्किल बढ़नी शुरू हो गई है।
लोगों को बाढ़ के साथ ही कटान का डर सता रहा है।
पिछले दिनों नेपाल से सरयू नदी में 317335 क्यूसेक पानी छोड़ा गया था। इसके बाद से नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। इससे नदी के तटवर्ती क्षेत्र में रहने वाले लोग अभी से सहमे हुए हैं। जलस्तर बढ़ने के साथ ही कटान तेज हो गई है। उपजाऊ भूमि नदी में विलीन हो रही है। शासन-प्रशासन की तरफ कटान रोकने के लिए कोई विशेष व्यवस्था नहीं की गई है।
जनपद में सरयू के बढ़ते जलस्तर के बाबत पूछे जाने पर एडीएम अभय कुमार मिश्र ने कहा कि जिले में सभी तटबंध सुरक्षित हैं। इनकी सतत निगरानी की जा रही है। अभी बाढ़ जैसे हालात नहीं है। सब सामान्य है। फिर भी बाढ़ चौकियों को अलर्ट पर रखा गया है।
जिले के संवेदनशील तटबंध
लोलपुर-विक्रमजोत, विक्रमजोत-धुसवा, काशीपुर-दुबौलिया, कटिरया-चांदपुर, चांदपुर-गौरा, गौरा-सैफाबाद और सैफाबाद-कलवारी, कलवारी-रामपुर।
विक्रमजोत में कटान तेज, ग्रामीण दहशत में
सरयू नदी के तेज बहाव से विक्रमजोत ब्लॉक के आपदा प्रभावित गांव के लोग कटानरोधी कार्य में लापरवाही से आक्रोशित हैं। सोमवार को बाढ़ खंड द्वारा दोपहर बाद प्लास्टिक की बोरियों में मिट्टी भरकर कटान रोधी कार्य शुरू कराया गया है। नदी का दबाव भरथापुर गांव पर बना हुआ है। ग्रामीण दशहत में हैं। गांव के ननकू सिंह, जग्गा सिंह, अवध राज, फागू, सीताराम, हेमंत पांडेय, कमलाकांत पांडेय आदि
बाढ़ खंड के एसडीओ जितेंद्र कुमार के मुताबिक संवेदनशील स्थानों पर लगातार निगरानी की जा रही है।