राजगढ़ (धार): सोशल मीडिया पर अनावश्यक बातें खरमोर अभ्यारणय जब से बना है जबसे ही सरदारपुर विधानसभा के लोग तथा सोशल मीडिया पर खरमोर पक्षी को विदेशी बताए जाने को लेकर समाजिक कार्यकर्ता अक्षय भंडारी ने बड़ा खुलासा करते हुए वन विभाग के अधिकारियों को इस ओर अवगत कराया गया। उनके बताया जिस प्रकार अनावश्यक बातें प्रसारित हो रही थी उससे जनमानस में भ्रभ फ़ैल गया। भंडारी ने बताया कि मध्यप्रदेश में ही धार जिले के सरदारपुर,नीमच के जीरान,रतलाम के सैलाना,झाबुआ के पेटलावद में यह भ्रभ फैला रखा था। भंडारी ने जब सोशल मीडिया व लोगो से सुनते आए की यह पक्षी ऑस्ट्रेलिया व विदेशी है तो इसकी पड़ताल में जुट गए उन्होंने बाम्बे नेचरल हिस्ट्री सोसायटी में यह बात पहुँचाई तो खरमोर पक्षी के बारे में बताया कि यह पूर्णतः भारतीय है। लेकिन भंडारी यहां भी नही रुके उन्होंने खरमोर पक्षी के फैले भ्रभ को लेकर आस्ट्रेलिया में भी ईमेल किया था जिस पर ऑस्ट्रेलिया जलवायु परिवर्तन,ऊर्जा,पर्यावरण और जल विभाग के डॉ मार्क कैरी,सहायक संचालक ने बताया कि लेसर फ्लोरिकन (साइफियोटाइड्स इंडिकस) ऑस्ट्रेलिया की मूल प्रजाति नहीं है। ऑस्ट्रेलिया में पाई जाने वाली प्रजातियों का कोई रिकॉर्ड नहीं है।
इसको लेकर समाजिक कार्यकर्ता अक्षय भंडारी ने उपवनमण्डल सरदारपुर में अधिकारी संतोष कुमार रनसोरे जी से मुलाकात की। अधिकारी रनसोरे भी खरमोर पक्षी को भारतीय पक्षी बताया है। भंडारी खरमोर अभ्यारणय को लेकर जनमानस में जानकारी सही जाए इसके लिए बोर्ड लगाए जाए।