पहलवानों ने पूरी रात दिल्ली में धरना स्थल पर बिताई। भारतीय पहलवानों ने इस साल की शुरुआत में डब्ल्यूएफआई के प्रमुख बृजभूषण सरण सिंह के खिलाफ विरोध किया था। महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न के आरोपों के साथ फिर से पहलवानों ने जन्तर-मन्तर पर धरना दिया। उन्होंने कहा कि उन्हें निष्पक्ष न्याय के लिए प्रधानमंत्री पर बहुत भरोसा है।
क्या है उत्पीड़न की बात ?
सात महिला पहलवानों ने भारतीय कुश्ती महासंघ के प्रमुख के खिलाफ मामला दर्ज कराया हैं। सेंट्रल दिल्ली के कनॉट प्लेस में केस दर्ज हुई है। पहलवान साक्षी मलिक ने कहा कि एफआईआर अभी बाकी है।उन्होंने कहा कि वे असंतुष्ट हैं क्योंकि सरकारी पैनल की रिपोर्ट अभी तक सार्वजनिक नहीं हुई है। वे तब तक नहीं जाएंगे जब तक बृजभूषण गिरफ्तार नहीं हो जाते। इतनी कोशिशों के बाद सरकार ने जवाब नहीं दिया।
विरोध 3 महीने पुराना है।
18 जनवरी को विनेश फोगाट जो की तीन बारी गोल्ड मेडलिस्ट बनी है कॉमनवेल्थ गेम्स की। वह बृजभूषण पर तमाम आरोपों के साथ जनता के सामने आईं। जंतर-मंतर पर कई अन्य पहलवानों भी उनके साथ प्रशिक्षक और बृजभूषण पर आरोप लगाए। बजरंग पुनिया,साक्षी मलिक, रवि दहिया और दीपक पुनिया ये सभी बड़े पहलवानों ने आरोप लगाए थे। विनेश फोगाट के मुताबिक, 20 लड़कियां जो पीड़ित हैं लेकिन सामने नहीं आ रही हैं लेकिन मैं उनके लिए खड़ी हूं। बीजेपी सांसद बृजभूषण सिंह ने कहा- ये सब झूठ है और अगर ये साबित हो गया तो मैं खुदकुशी कर लूंगा। इस विरोध में एजेंडा छिपा हुआ है।
क्या है सरकारी पैनल की रिपोर्ट ?
23 जनवरी को खेल मंत्रालय ने जांच के लिए मुक्केबाज एमसी मैरी कॉम की अध्यक्षता में 5 सदस्यीय समिति का गठन किया। समय सीमा 2 सप्ताह तक बढ़ा दी गई और इस जांच पैनल में बबीता फोगट को जोड़ा गया।समिति ने अप्रैल के पहले सप्ताह में रिपोर्ट सरकार को सौंप दिया है लेकिन अभी भी सार्वजनिक नहीं हुई है।
दिल्ली महिला आयोग ने एफआईआर दर्ज करने के लिए दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया है। और दावा किया कि दिल्ली पुलिस शिकायतकर्ताओं और उनके परिवारों को परेशान कर रही है।पहलवानों के अनुसार वे पीड़ितों के लिए खड़े हैं और बृजभूषण सिंह की गिरफ्तारी के बिना जन्तर-मन्तर नहीं छोड़ेंगे। देखते हैं आने वाले समय में क्या होगा,अभी तक पहलवानों ने राजनीतिक समर्थन से इनकार किया है।