मियावाकी वन एक प्रशंसनीय पहल है जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा प्रमुख रूप से बात की गई है। यह एक जलवायु न्यायोचित वनीकरण प्रक्रिया है जिसमें घने और सुरम्य जंगलों की संरचना को बढ़ावा दिया जाता है। यह प्रयास पूरे देश के लिए एक मार्गदर्शक है जिससे हम अपने पर्यावरण को सुरक्षित और स्वस्थ बना सकते हैं।
मियावाकी वन की प्रक्रिया जापानी वैज्ञानिक डॉ. अकिरा मियावाकी द्वारा शुरू की गई थी। इसका मुख्य उद्देश्य जटिलताओं के बिना बहुत कम समय में घने वन का निर्माण करना है। इस प्रक्रिया में, विभिन्न प्रकार के पौधे और वनस्पति के लगाए जाते हैं जिससे समृद्ध और स्थायी वन का निर्माण होता है। यह उपयोगी नहीं सिर्फ वनस्पति को बढ़ाने में मदद करता है, बल्कि पर्यावरणीय लाभों और जीवन की गुणवत्ता को भी बताता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में भारत ने वनों के प्रबंधन और प्रदूषण के खिलाफ लड़ाई में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। उन्होंने वनों की संख्या बढ़ाने और जीवनरक्षी वनों को स्थापित करने के लिए विभिन्न पहलों की शुरुआत की है। मियावाकी वन एक नया प्राकृतिक प्रयास है, जिसमें शहरों और नगरों में वृक्षारोपण को बढ़ावा दिया जाता है। यह तकनीक जापानी वैज्ञानिक अकिरा मियावाकी ने विकसित की है। मियावाकी वन की विशेषता यह है कि यह वानिकीकरण की पाठशालाओं के बजाय, नगरीय क्षेत्रों में घने और प्राकृतिक वनों के गठन के माध्यम से पर्यावरणीय लाभ प्रदान करता है।