अमेरिक के गुप्त युद्ध दस्तावेज़ लीक
जी हाँ। आपने बिल्कुल सही सुना है। अमेरिका के सीक्रेट दस्तावेज लीक हो गए है वो भी गलती से। युक्रेन युद्ध से जुड़े दर्जनभर अमेरिकन रक्षा फाइल ऑनलाइन उपलब्ध हो गए। इतनी बड़े और चौकस देश के जरूरी दस्तावेज कैसे बाहर आ सकते है ? क्या यह एक प्रचार है या सोची समझी साजिश? आइए जानते है क्या है पुरा मामला।
दस्तावेज लीक मामला
अमेरिका में हर मीडिया रिपोर्ट में यही बात हो रही की आखिर कैसे और किसने लीक किया इतने महत्वपूर्ण फाइल। पेंटागन दुनिया का नंबर वन विभाग में से एक है जिसपर अमेरिका अरबो डॉलर खर्च करता है। वहाँ से ऐसी लापरवाही किसी से हजम नहीं हो रही।दस्तावेजों में नक्शे, चार्ट और तस्वीरें शामिल हैं जिसे “टाॅप सीक्रेट” बताया गया है। दस्तावेजों में दोनों पक्षों यानी यूक्रेन और रूस के हताहतों की संख्या शामिल है। सैन्य खुलासा और आक्रामक हमले की रणनीतियों के साथ सापेक्ष शक्ति, सभी कागजों में उपलब्ध हैं। बीबीसी के अनुसार, पेंटागन ने आधिकारिक तौर पर घोषणा की है कि कागजात असली हैं,जिसमें कुछ तो छः सप्ताह पुराना है।
आधिकारिक दस्तावेज किसने लीक किए?
गेमर चैटरूम से पेंटागन के सैन्य दस्तावेजों का लीक शुरू हो सकता है। जी हाँ, गेम्स ऑनलाइन गेम के वक्त चैटिंग करते है बताया जा रहा वहाँ से ये सब गलती से हुआ है। बेलिंगेंट, एक आधिकारिक खुफिया फर्म ने पाया कि दस्तावेज “माइन क्राफ्ट” के डिसकौड सर्वर से लीक हुए हैं। आपको बता दे कि माइन क्राफ्ट एक गेमिंग पोर्टल है और डिसकौड सर्वर वह जगह है जहाँ गेमर चैटिंग करते है। तो माना ये जा रहा की किसी गेमर ने अपनी काबिलियत दिखाने में दस्तावेज उपलब्ध कराए और हो सकता है ये गेमर अमेरिकन मिलिट्री का ही हो।
नेतन्याहू के पीछे जो बिडेन हैं?
अब पेंटागन और संयुक्त राज्य अमेरिका अविश्वास के दायरे में आ गए। दस्तावेजों में मोसाद(इसराइली सेना) और यूएसए सेना के बीच साझेदारी की भी बात शामिल है। हम सभी जानते हैं कि इजरायल के पूर्व प्रधानमंत्री नेतन्याहू के खिलाफ लगातार विरोध प्रदर्शन हो रहे थे, जिसमें अंदाजा था कि ये सब अमेरिका करा रहा। अब इस पेपर लीक से ये पता चला है कि ये इजराइल की सेना (मोसाद) के साथ यूएस शामिल था। अब इजराइल और अमेरिका के बीच दरार आ सकती है।
कितना नुकसान?
दस्तावेज में यूक्रेन के सेना के साथ साथ सभी हथियार की जानकारी हैं जिसका फायदा रूस उठा सकता है। आपको बता दे कि दस्तावेज के मुताबिक अमेरिका यूक्रेन की भी जासूसी कर रहा था जिससे कीव में माहौल अलग बन सकते है कि अमेरिका को यूक्रेन पर भरोसा नहीं है। वही इस पेपर में रूसी जासूस की भी बात सामने आई है जिससे रूस सतर्क और रूसी जासूस डर कर सामने नहीं आएंगे। हर मामले में विश्व के बड़े देश यानि अमेरिका का नुकसान है। इस घटना से अमेरिकन इमेज और खराब बन गई है।
देखना ये होगा की अमेरिकन विपक्ष इस मुद्दे को कितना उछालता है और कितना जो बिडेन अयोग्य साबित होते है अमेरिकन राष्ट्रपति पद के लिए। क्योंकि अमेरिका जो बिडेन के दौर में सिर्फ असफल हो रहा है।