सूडान की राजधानी खार्तूम में विनाशकारी युद्ध रूकने का नाम नहीं ले रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के रिपोर्ट के मुताबिक अब तक 400 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं 3551 से अधिक लोग हताहत हैं। बड़ा बदलाव यह है कि 20 स्वास्थ्य केंद्र बंद हो गए हैं और 12 खतरे में हैं।
सूडान में यह युद्ध क्यों ?
सूडान में 2021 के तख्तापलट के बाद स्थायी मेजबानो के बीच अस्थिरता है। मोहम्मद हमदान दग्गालो और अबदेल फताह अल बुरहान अपनी अपनी शासन के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं। आपको बता दें की मोहम्मद हमदान,सूडान के पैरामिलिट्री ( रैपिड सपोर्ट फोर्स) के हेड हैं। वहीं बात करें अबदेल फताह की तो वह सूडान की सेना के हेड हैं। दरसल दोनों पक्षो को वहाँ साथ में सम्मिलित करने की बात हो रही थी और लोकतंत्र स्थापना की बात चल रही थी। उसी बीच किसकी शक्ति कायम रहे उसपर लड़ाई जारी है जो एक गृह युद्ध की तरह चल रही हैं।
सूडान का इतिहास।
सूडान 2011 में दो देशों सूडान और दक्षिण सूडान में विभाजित हो गया।इसके बाद 2013 में सूडान के डारफर क्षेत्र में कुछ उथल-पुथल हुई, जिसने रैपिड सपोर्ट फोर्स को जन्म दिया। उमर अल बशीर जो तानाशाह थे सूडान के उन्होनें डारफर में शांति के लिए आर एस फोर्स की मदद ली तभी से ये सक्रिय है सूडान की राजनीति में। वर्तमान सेनेरियो में आरएसएफ और सेना एक दूसरे का सामना कर रहे हैं।
विश्व की चिंता क्या है ?
विश्व राजनीतिक क्षेत्र के लिए सूडान स्थान बहुत महत्वपूर्ण है। इस क्षेत्र में स्थिरता महत्वपूर्ण है क्योंकि सूडान 7 देशों से जुड़ा हुआ है। नील नदी सूडान के लिए महत्वपूर्ण विषय है जिसका असर मिस्र देश में दिख सकता है। सूडान में अस्थिरता दक्षिण सूडान और इथियोपिया में संघर्ष का कारण बन सकती है।
इस मामले को लेकर प्रधानमंत्री मोदी ने हाई लेवल मीटिंग बुलाई है।इस युद्ध में एक भारतीय की मृत्यु हो गई, इसलिए प्रधान मंत्री ने भारतीयों को निकालने के लिए सभी संभावित परिणामों को देखने के लिए कहा है।प्रधानमंत्री ने अधिकारियों को सतर्क रहने और हो रहे कार्य पर नजर रखने के निर्देश दिए है।