गोरखपुर : पीएम नरेंद्र मोदी ने गोवर्द्धन योजना के तहत इंदौर में गीले कूड़े से सीएनजी गैस के अलावा लिक्विड खाद बनाने वाले प्लांट का उद्घाटन किया है। कंपनी यहां रोजाना करीब 17 हजार किलोग्राम सीएनजी का उत्पादन करती है। साथ ही नगर निगम को हरेक महीने करीब 2.50 करोड़ रुपये रॉयल्टी के रूप में देती है। कंपनी ने बंगलोर के अलावा देश के कुछ अन्य शहरों में भी इस प्लांट को स्थापित किया है।
इन्दौर नगर निगम की तर्ज पर नगर निगम गीले कूड़े से बायो सीएनजी बनाएगा।
नगर आयुक्त, अविनाश सिंह ने कहा कि इंदौर में कार्य प्रणाली को देखा गया है। गोरखपुर में प्रतिदिन निकलने वाले कूड़े को देखते हुए यहां प्लांट लगने की काफी संभावना है।
कूड़े से सीएनजी बनाने वाली कंपनी एवर एनवायरो प्लांट संबंधी सर्वे को जल्द गोरखपुर आएगी।
इंदौर में गीले कूड़े से बायो सीएनजी गैस और लिक्विड खाद बनाने वाली कंपनी एवर एनवायरो रिसोर्स मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड, महाराष्ट्र के अधिकारियों की टीम नगर आयुक्त अविनाश सिंह से वार्ता के बाद गोरखपुर में प्लांट लगाने की संभावना तलाशने के लिए इसी महीने आएगी। गोरखपुर में प्रतिदिन निकलने वाले कूड़े को देखते हुए इस प्लांट के लगने की काफी ज्यादा संभावना है। क्योंकि गोरखपुर में प्रति दिन करीब 400 मीट्रिक टन कूड़ा निकलता है। सामान्य तौर पर कूड़े में गीले और सूखे कूड़े का अनुपात 7030 का होता है। इस प्लांट को लगाने के लिए नगर निगम को सिर्फ जमीन मुहैया करानी होगी। कंपनी की तरफ से प्लांट लगाने में 150 करोड़ का निवेश किया जाएगा। इसी निवेश से कंपनी कमाई करेगी।
रॉयल्टी के रूप में मिल रहे ढाई करोड़ इंदौर में प्लांट लगाने वाली कंपनी इस प्लांट से सालाना करीब 25 करोड़ रुपये की कमाई कर रही है। साथ ही इंदौर नगर निगम को रॉयल्टी के रूप में ढाई करोड़ रुपये दे रही है। सहायक नगर आयुक्त डॉ. मणिभूषण तिवारी ने बताया कि एवर एनवायरो के प्रोजेक्ट के अनुसार कूड़े से सीएनजी बनाने के लिए पूरी तरह से गीले कूड़े की आवश्यकता होती है। अगर गीले कूड़े के साथ थोड़ा सा भी सूखा कूड़ा रह जाएगा तो इस प्लांट के लिए लगी मशीनों के खराब होने की आशंका रहती है। इस वजह से नगर निगम को हर हाल में सिर्फ गीला कूड़ा ही उपलब्ध कराना होगा।