जिहा खान और सूरज पंचोली
जिहा खान और सूरज पंचोली

जिहा खान की मौत में हुआ एक नया खुलसा, सूरज पंचोली का क्या है हाथ ?

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अभिनेत्री जिहा खान की आत्महत्या को 10 साल हो गए है और इसकी सुनवाई आज 28 अप्रैल को होगी। जिहा खान की मौत 3 जून 2013 को हुई थी और फैसला आज 28 अप्रैल 2023 हो रहा है। जिहा खान की मां रबिया खान अपनी बेटी की मौत का आरोप सूरज पंचोली पर लगा रही है। उनका कहना है, जिहा हर रोज मानसिक और शारीरिक पीड़ा से गुजरती थी और उस पीड़ा की वजह उन्होंने सूरज पंचोली बताया। जिसके बाद जिहा की मां राबिया ने मुंबई की अदालत के दरवाज़े खट-खटाये और ये मामला 10 साल तक सीबीआई के अदंर रहा और साथ ही सूरज पंचोली को गिरफ्तार भी कर लिया था। जब ये मामला सीबीआई के पास गया तो उन्होंने अपनी चार्जशीट में बताया कि जिहा की मृत्यु से कुछ महीने पहले वह प्रेग्नेंट थी। जिहा खान को ये बात प्रेग्नेंट होने के चार हफ्ते बाद पता चली, जिसके बाद सूरज पंचोली ने जिहा को अबॉर्शन की दवाई दी और सूरज ने ही भ्रूण को टायलेट में बहाया था। सूरज जिहा को गायनेकोलॉजिस्ट के पास ले जाकर उसे अबॉर्शन की दवाई दिलाई।

वही जिहा खान‌ ने मरने से पहले एक चिट्ठी लिखी थी जिसमें उन्होंने अपना सारा दर्द बताया था और अपने आने वाले कल के बारे में बताया जोश अपने बॉयफ्रेंड सूरज पंचोली के साथ जीना चाहती थी। उन्होंने उस चिट्ठी में लिखा, “पता नहीं मैं तुमसे ये बात कैसे कहूं. मगर अब मेरे पास कुछ नहीं बचा है। इसलिए सब कुछ बताने का सही वक्‍त आ गया है। वैसे भी मैं पहले ही सब कुछ खो चुकी हूं। अगर तुम इसे पढ़ रहे हो तो इसका मतलब है कि मैं या तो जा चुकी हूं या तो इसकी जानें वाली हूं। मैं अंदर से टूट चुकी हूं. शायद तुम्‍हें इस बात का अंदाजा ना हो, पर तुम्‍हारा मुझ पर कुछ ऐसा प्रभाव था कि मैं तुम से प्‍यार करने लगी और उस फिर मैंने खुद को ही भुला दिया। मगर तुमने मुझे बहुत तड़पाया, तकलीफ देते रहे हर रोज। अब मुझे अपनी जिंदगी में अंधेरा ही दिख रहा है। जब सुबह आंख खुलती है तो बिस्‍तर से उठने का मन नहीं करता। कभी ऐसा भी हुआ करता था जब मैं अपना आने वाला कल तुम्हारे साथ देखती थी, एक सपना थी कि हम एक साथ होंगे. मगर तुमने मेरे सारे सपने तोड़ दिया.”

जिहा खान‌ की चिट्ठी की वजह से सूरज पंचोली को सेक्शन 306 के तहत गिरफ्तार करा गया था पर 10 दिन बाद सूरज को जमानत मे रिहा कर दिया गया था जिसके चलते सूरज से 50 हजार का जुर्माना और पासपोर्ट जब्त कर लिया था। इसके बाद 2 जुलाई की सुनवाई में कोर्ट ने सूरज को जिहा की मौत का आरोपी नहीं बताया। जिसके बाद जिहा‌ की मां ने फिर से हाईकोर्ट में केस की अर्जी डाली जिसके बाद यह ट्रेन मुंबई पुलिस से सीबीआई को दिया गया।

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