भारत में पानी के नीचे मेट्रो।
हम विकास और इंजीनियरिंग में इतनी दूर आ गए कि ख्याली सपने अब वास्तविकता बन रहे हैं। जी हाँ। ऐसे ही एक और महत्वपूर्ण कार्य सम्पन्न हुआ है कोलकाता में। हुगली नदी के नीचे ट्रेन चलनी शुरू हो गई हैं। कोलकता मेट्रो हुगली नदी के नीचे चलनी शुरू हो चुकी हो। यह मेट्रो जमीनी स्तर से 33 मीटर गहरी है।
पानी के नीचे मेट्रो की व्याख्या।
कोलकाता मेट्रो ने महत्वपूर्ण कार्य हासिल किया और भारतीय इतिहास रचा है। हुगली नदी के नीचे अंडरवाटर मेट्रो का ट्रायल रन शुरू हो गया है। जो 80km/hr की रफ्तार से दौड़ रहा है। इस मेट्रो लाइन की लंबाई 520 मीटर है जो पीनी के लेबल से 13 मीटर नीचे है। इस मेट्रो ने दिल्ली के हौज खास मेट्रो लाइन का रिकॉर्ड गहराई के मामले में तोड़ दिया है। अगले 7 महीनो तक इसका ट्रायल हावड़ा मैदान से एस्प्लेनेड तक चलेगा।
45 सैकेंड में यह मेट्रो अपनी यात्रा तय करने की ताकत रखती है। इस मेट्रो के हर किलोमीटर मर खर्च 157 करोड़ रूपए का है।
यह इंजीनियरिंग का अद्भुत उदाहरण है। इस मेट्रो में चार स्टेशन हैं यानी एस्प्लेनेड, महाकरण, हावड़ा और हावड़ा मैदान। यह मेट्रो लाइन पूर्व और पश्चिम मेट्रो को जोड़ती है। इस रूट ने हावड़ा-सियालदह रोड रूट के समय को डेढ़ घंटे से घटाकर 40 मिनट कर दिया है।इससे कई यात्रियों को लाभ मिल सकता है।